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डर्टी पिक्‍चर ऊ ला ला ऊर्फ बावरी मस्जिद राम लला

अविनाश वाचस्‍पति
अविनाश वाचस्‍पति
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डर्टी की पॉवर बहुत ज्‍यादा है, गंदगी का ट्री बहुत घना है। मन पर विचारों का कोहरा जमा है। बावरी मस्जिद का मसला पुराना नहीं पड़ा है। कभी भी कहीं भी कुछ भी हो सकता है। प्रत्‍येक मन पर इसकी ही छाया है। यह सब बुराईयों की ही माया है। डर्टी अलग नहीं है, जो आपकी काया है उसे ही गंदा बतलाया है। ऐसा नहीं है कि साफ पिक्‍चर पर मिट्टी मल कर उसे डर्टी बताया है। यही काया अच्‍छाईयों के प्रचार-प्रसार की संवाहक बनती है। चंद चुनिंदा के मन में ही वास करती है। डर्टी मतलब गंदगी – गरीबी गंदी नहीं है। बुराईयां खूब तेज चैनल हैं। अच्‍छाईयों को कोई नहीं पूछता है। डर्टी को अपने प्रचार की जरूरत भी नहीं है। वह तो सबके सिर पर तेजी से दौड़ती है, साफ मन में नफरत का जहर घोलती है। ऊह ला ला, राम लला, ऊ ला ला।

फिल्‍म में एक सैकंड में 24 फ्रेम्‍स होते हैं परंतु डर्टी के फ्रेम्‍स का तो आप अंदाजा ही नहीं लगा सकते। सब सबसे अधिक उसी के दीवाने हैं। कहते हैं कि जानेंगे नहीं, तो बचने के उपाय कैसे करेंगे। इसी बहाने सब इसी के चारों ओर मंडराते हैं। गंदगी का साम्राज्‍य कभी ध्‍वस्‍त नहीं हो सकता क्‍योंकि राग-द्वेष से किसी का भला नहीं हो सकता। सब उसी ओर बढ़ रहे हैं, खाई गहरी में गिर रहे हैं। सबसे अधिक डिमांड में डर्टी है, इसी से उम्‍मीदें बंधी हैं। नेताओं की डिमांड में पावर्टी है। वहीं से वोट मिलते हैं। मिलते कम हैं, खरीदे ज्‍यादा जाते हैं। इसी वजह से नफरत का ज्‍वालामुखी फटता है। कभी बावरी मस्जिद गिराई जाती है। वहां का ऊह ला ला बन जाता है राम लला। और कुछ नहीं है, इन सबमें भावना डर्टी है।

डर्टी पिक्‍चर सभी को लुभाती है। ऊह ला ला उ ला ला। चाहे कितना हो पाला, इसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया, चाहे कितना ही पॉवरफुल हो साला। ऊह ला ला उ ला ला। सबसे आंख बचाकर सब इसी के पास जाते हैं, वहां पर सब बेशर्म हो जाते हैं। बिग बॉस का धंधा मंदा है तो क्‍या हुआ, सन्‍नी लियोन है न, ऊह ला ला। उसने भी इसकी ब्रांडिंग शुरू कर दी है। फिल्‍मों में गालियों का प्रचार, रेडियो स्‍टेशनों पर एफ एम चैनलों पर बीप बीप, सब डर्टी पिक्‍चर ही चित्रण है।

जिसका पेट खाली है, वहां पर डर्टी की दिवाली है। उसका दिमाग देता सिर्फ गाली है। दुआ तब निकलती है जब सामने वाला भर देता है पेट। भरपेट खाने के बाद लेट, खूब नींद आती है, वही नींद डर्टी पिक्‍चर तक ले जाती है। डर्टी पिक्‍चर ऊह ला ला ऊ ला ला। खूब डर्टी ला, खूब डर्टी खा। फिर सारे समाज को डर्टी पिक्‍चर बनाकर दिखा। चमड़ी दिखाना और दमड़ी के ढेर लगाना। बस बिना कपड़ों के अपनी दिगंबरावस्‍था में ऊह ला ला ऊ ला ला का जाप करना है। आप तो बिना कपड़ों के मस्‍त रहिए। डर्टी पिक्‍चर का खिताब न मिले तो कहना। डर्टी पिक्‍चर के लिए नहीं चाहिए एक भी गहना। पड़ जाए वास्‍तविक सच्‍चाई से पाला। बीच में न हो कोई ताला। कोई ताली भी न हो। खुली हुई नाली भी न हो कि उलझ कर गिर पड़ने का खतरा हो। नाली में चाहे गंदगी का एक भी कतरा न हो। जान लो डर्टी पिक्‍चर पोर्न पिक्‍चर की है खाला। क्‍या खा और क्‍या ला। पर ऊह बोलते ही डर्टी गीत-संगीत बजने-गूंजने लगता है मानस में। दिमाग की प्रत्‍येक नस नस में।

फिर सब कुछ ला। गंदा ला कसैला ला। विषैला ला। ऊह ला ओह लाल। सब कुछ मेरे पास लाकर डाल। मीठी मस्‍त आवाजें ला। आवाजों की किश्तियां ला। मैं उसे बिग बॉस में परोसूं– बाजार को नए शिखर तक ले जाऊं – भरा पूरा बाजार है डर्टी पिक्‍चर का, उसकी मस्‍त मस्‍त आवाजों का। इसी को इसकी सदाशयता में सजाऊं। डर्टी पिक्‍चर का सुंदर सा बाजार सजाऊं, जिसमें सेल लगाऊं, देखने सुनने के लिए लाईनों की रेल चलाऊं। ऊह ला ला उ ला ला।

बुलाओ जल्‍दी से कहां गए लाला। लाला मतलब असली दुकानदार का सच्‍चा व्‍यापार। व्‍यापार में प्रवीण। चाहे किसी को पिन चुभे पर अपना धेला न अधमरा हो। डूब रहे हों पानी में, जा रहे हों प्राण पर छोड़ें न बिजनेस का ईमान। कोई हाथ मांगे तब भी न दें। कहे कोई मेरा हाथ ले तो तुरंत पकड़ लें। मिल ही रहा है न, है पक्‍का और सच्‍चा लाला। इसलिए डर्टी पिक्‍चर भी असली माल (धन) पाने के लिए है ऊह ला ला ऊ ला ला। तिजोरियां बैंक खाते हमारे विदेशी खातों को लबालब भर जाए। बिना दिए कोई कैसे जाने पाए। आए तो बिना दिए जाने न पाए। लौट के आ तुरंत देकर जा। ऊह ला ला ऊ ला ला।

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