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अमिताभ बच्चन जब एम्स में अमर सिंह से मिले तो कितने ही गुल खिले, उन गुलों को महसूस कीजिए, उनमें से जो गुलगुले हैं, वे आपको अखबारों और टीवी चैनलों में भी दिखाई देने शुरू हो चुके हैं।
अमित को देखकर अमर रो पड़े तो बड़े भैया ने कहा बावले रोता क्यों है
अमर बोला बड़े भैया, प्रणाम। मुझे तिहाड़ में कैद कर दिया गया है
बड़े भैया : तिहाड़ में सिर्फ उन्हीं को कैद किया जाता है, जो सबसे लाडले होते हैं, इसलिए इसमें खुशी की तलाश कर। मुझे नहीं जानता है तू कि कितनी ही फिल्मों में कितनी बार जेल में गया हूं परंतु रोया एक में भी नहीं।
छोटे : पर वे फिल्मी सैट थे
बड़े : वे फिल्मी थे तो यहां कौन सा जुल्म तेरे ऊपर हो रहा है बल्कि तू ही जुल्म ढा रहा है। नौटंकी करता है
छोटे : आपसे ही तो सीखी है बड़े भैया
बड़े : तो फिर यह रोना धोना क्यों, धोने को लेकर भी तुमने खूब नौटंकी की है
छोटे : नौटंकी की एक टंकी यह भी है बड़े भैया
बड़े : नौटंकी में नौ नौ टंकियां। छोटे तू भी लाजवाब है
छोटे : जी बड़े भैया। आज तो पूरा देश ही नौटंकीमय हो रहा है। कभी एक टंकी पर अन्ना चढ़ जाता है तो उसे उतारने के लिए पूरा देश जुट जाता है
बड़े : आजाद मुल्क में ऐसा ही होता है। फिल्मों से ही देश सीखता है, यहां शोले से सीख कर शोलेमय हो रहा है। चारों तरफ शोले ही शोले हैं
छोटे : फिर मोदी टोपी पहन कर उपवास पर बैठ गया है कि मैं पीएम बनूंगा
बड़े : पर तेरी मदद के बिना कैसे पॉसीबल है
छोटे : जी बड़े भैया
बड़े : कालिया किधर है, गब्बर किधर है, वीरू किधर है
छोटे : जय तो आप ही हैं
बड़े : मैंने इसलिए ही उसका पता नहीं पूछा है, इतना तो मुझे मालूम है छोटे
छोटे : दो ऊपर गये हैं और दो नीचे हैं। गजब का संतुलन बना रखा है बड़े भैया
बड़े : पर छोटे, तूने नौटंकी करके पूरे देश को डांवाडोल कर दिया है, ऊपर से धरती से निकले भूकंप ने हड़कंप मचा दिया है।
छोटे : डांवाडोल, बड़े भैया मैं तो उस समय भी संतुलन साध रहा था कि संतुलन बिगड़ गया
बड़े : इतने मोटे हो रहे हो तो संतुलन तो बिगड़ेगा ही
छोटे : अब क्या करें, जेल की रोटी खाने से मना किया तब भी वजन कम नहीं होता है ससुरा
बड़े : कुछ मत करो, नौटंकी किए जाओ और तमाशा देखे जाओ। अपना रोल बखूबी निभाओ और नौटंकी का लुत्फ टीवी चैनलों के जमाने में उसी तरह से जमना चाहिए जिस तरह से मैंने तुझे समझाया है।
छोटे : समझ गया हूं बड़े भैया
बड़े : धीरे धीरे से मुंह खोलिबे। वकील को कहना कि वही बोलिबे। तुम चुप रहिब।
छोटे : जी बड़े भैया
बड़े : और हां जया परदा को कहो कि मुंह पर परदा लगाये, ज्यादा जबान न लपलपाये, शान पट्टी न करे
छोटे : उसे कुछ भी कहने दो, मैं मुंह खोलने वाला नहीं हूं। मेरा मुंह तो रिमोट है, यहां पर हिलेगा भी नहीं और वहां पर वकील सब कुछ बोलेगा। कल देख लेना अमहद पटेल को न जकड़ा तो कहना
बड़े : अब कहना सुनना कुछ नहीं। अब मैं चलिब, चलो बिटिया श्वेता।
चलते-चलते बिग बी अमर सिंह को फोन मिलाते हैं और कुछ जरूरी निर्देश देते हैं कि जिस दिन वापिस तिहाड़ पहुंचो तो मुझे तुरंत बतला देना। मैं जेल के गेट पर तुमसे मिलने आऊंगा और बाहर ही खड़ा रहूंगा। मिलना विलना तो बहाना है, खूब सारी भीड़ को जुटाना है। वहां पर मैं और मेरे प्रशंसनीय दर्शक तेरी रिहाई के नारे लगायेंगे पर तू अन्ना की तरह अड़ जाना और तिहाड़ से किसी भी स्थिति में बाहर मत आना। कह देना कि या तो सरकार मुझे बाइज्जत बरी करे या अपनी इज्जत लुटवाने को तैयार रहे। मैं जेल नहीं छोडूंगा, अब तो यहीं रहूंगा।
फिर यह एक नौटंकी होगी। वैसे भी देश और सरकार में नौटंकीबाज भरे पड़े हैं और भरपूर नौटंकीमय हो गया है देश हमारा। चैनलों को अपनी टीआरपी बढ़वाने के लिए भी इनकी ही जरूरत है।
दोनों तेजी अस्पताल से निकलते हैं। फोन बंद करते हैं और गाड़ी में बैठते हैं। पूरे दो घंटे का समय लगा है। इस एपीसोड में। अमर सिंह फिर से शेर हैं और एम्स को चिडि़याघर समझे फुरकत में लेटे हैं।
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