अविनाश वाचस्पति
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‘अन्ना हमारे’ के अनशन का तेरहवां दिन भ्रष्टाचार की तेरहवीं बन कर आया है। ‘अन्ना हमारे’ ने आज जूस पीकर अनशन को बिना किसी हथौड़ी के तोड़कर जनता की शक्ति को साबित कर दिया है। जन लोकपाल भ्रष्टाचार के ताबूत में कील की माफिक बनेगा। कील जो भोथरी नहीं हो सकती। कीलें सब जगह लगाई जाएंगी, जिससे भ्रष्टाचार सांस न ले पाए।
मेरा मानना है कि हमें 16 अगस्त को प्रत्येक वर्ष ‘अन्ना डे’ के तौर पर मनाना चाहिए और 28 अगस्त को भ्रष्टाचार की तेरहवीं के बतौर।
क्या आप सहमत हैं ?
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