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अविनाश वाचस्‍पति गिरफ्तार

अविनाश वाचस्‍पति
अविनाश वाचस्‍पति
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  • 218 Comments

कलमाड़ी से मिलने नहीं गया
यूं ही धर लिया गया
वहां धरा पर
रहते हैं सब धरे
सोने को किसी को
पलंग का संग न मिले ।

मिलते हैं अखबार वहां
मुझे वे भी नहीं मिले
टी वी मैं देखता नहीं
नेट वहां मिला नहीं।

क्‍या करूं
कैसे करूं
इसी उधेड़े हुए को
बुनने में रात गुजार दी

खुश मिले बहुतेरे
जिन्‍हें हुई थी तकलीफ
हिंदी ब्‍लॉगर सम्‍मेलन से
पुस्‍तक के प्रकाशन से
पर मैं भीतर था

सपना ऐसा था
सबके भीतर मन था
मन उपवन था
फिर भी तसल्‍ली थी
गर्मी खूब थी
न बर्फ की सिल्‍ली थी

सुराही अपनी ले गया
उसी का पानी खूब पिया
नेट बुक नहीं अलाउड थी
मोबाइल पर रोक थी

क्‍या करता
किससे कहता
किससे कराता सिफारिश
दिमाग पर होती रही
जब तक रहा जेल में
खारिश
खारिश जो विचारों की है।

एक अहसास ऐसा होता रहा। इस पूरी नींद में कि लादेन को तलाश रहा हूं। पर लाश तक न मिली। अभी अभी जयपुर के प्रसिद्ध ब्‍लॉगर- साहित्‍यकार श्री प्रेमचंद गांधी जी की फोन काल ने उठाया है। हतप्रभ नहीं हूं। सपने ऐसे ही होते हैं, कभी पूरे हो जाते हैं और कभी अधूरे ही रहते हैं।

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